मेरी मृत्यु के बाद
मुझे मत जलाना
क्योंकि मुझे जलन से बहुत डर लगता है
ऐसा करना
मुझे दफना ही देना
किसी सुनसान छोटी सी गुमनाम जगह में
गाड़ते हुए मुझे
ध्यान रखना एक बात का
सर पूरब और पैर मेरे पश्चिम में रखना
क्योंकि डूबता सूरज
बहुत पसंद है मुझे
मेरी देह पर
मिट्टी डालकर
लगा देना
घास बांस की
क्योंकि
बांस से मेरा अपनापा है
मेरी कब्र के चारों तरफ
(सिर्फ पैरों को छोड़कर)
लगाना खूब सारे अमलतास
ताकि उनके पीले peele फूल
बरसते रहे मेरे ऊपर
भरी गरमी में भी
पैरों वाली जगह भी
मत रखना खाली
वहां लगाना
एक पेड़ प्यारा पलाश का
कि उसके दहकते से लाल लाल फूल
मेरी देह के सूख चुके लहू में
तोड़ी सी गरमी दे सकें
और शायद पिघला दे
मेरी जमी हुई सांस को
कहना तो तुम्हें बहुत कुछ है
मेरी मृत्यु के
क्योंकि
जीवन से ज्यादा
इसी के बारे में सोचा है
पर फिर भी तुम्हें
कोशिश करूँगा
कि तुम्हें ज्यादा परेशानी न हो
मेरी मृत्यु के बाद
तुम
मेरे सिरहाने
एक शिला रखना
काले संगमरमर की
और लिखना उस पर
बिलकुल सफ़ेद सफ़ेद अक्षर
नाम लिखना मेरा
बड़े बड़े आकार में
ताकि कभी भूले भटके गुजरो उधर से
तो पहचान सको
ओह! तो यहाँ दफनाया था उसे
कभी मिलने की इच्छा हो तो
आना जरूर
तुमसे मिलना मुझे बहुत अच्छा लगता था
आओ तो साथ लाना कहीं से
पुष्प पारिजात के
सुना है
बहुत पवित्र होते हैं
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